सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने लापरवाह अधिकारियों पर किया जुर्माना



जयपुर, 6 अप्रेल -  राज्य सूचना आयोग के बार बार तकाजा करने के बाद भी बारां नगर परिषद ने जरूतमंद नागरिको को सूचना मुहैया कराने में कोई रूचि नहीं ली। इस पर आयोग ने गहरी नाराजगी जाहिर की और नगर परिषद आयुक्त पर तीन अलग अलग मामलो में दस दस  हजार रूपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। 


आयोग ने अजमेर जिले में सावर  के सहायक खनिज अभियंता पर भी सूचना देने में कोताही बरतने पर दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना राशि अधिकारियो  के वेतन से वसूलने का आदेश दिया गया है। 


                               बारां में एक स्थानीय व्यक्ति  हिमांशु ने नगर परिषद के कुछ दस्तावेजत  के अवलोकन के लिए गुहार की थी। हिमांशु ने 15 जुलाई ,2019 को सूचना अधिकार कानून के तहत  अर्जी दाखिल कर परिषद से कुछ कागजात को देखने के लिए आवेदन किया था। लेकिन परिषद ने इसे अनदेखा किया। हिमांशु ने इसके विरुद्ध आयोग का दरवाजा खटखटाया और मदद मांगी। 

आयोग ने परिषद आयुक्त को तीन बार नोटिस भेज कर स्प्ष्टीकरण माँगा। लेकिन अधिकारी ने इसे कोई महत्व नहीं दिया। इस पर सुनवाई करते हुए  सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने परिषद आयुक्त पर दस हजार रूपये  का जुर्माना  लगाने का आदेश दिया है।  

  सूचना आयुक्त बारेठ ने परिषद आयुक्त के इस कृत्य को  कानून के प्रति निरादर के रूप में लिया और जुर्माने की यह राशि उनकी तनख्वाह से काटने का आदेश दिया है।

बारां के ही प्रशांत मित्तल ने नगर परिषद से दो अलग अलग मामलो में सूचना मांगी। लेकिन परिषद ने उनके आवेदन को महत्व नहीं दिया।  प्रशांत ने  आयोग के सम्मुख अपील की और कहा  परिषद आयुक्त ने सूचना अधिकार  कानून की अवहेलना की है। लिहाजा उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाये। आयोग ने परिषद आयुक्त को तीन बार अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया। मगर न तो वे हाजिर हुए और न ही कोई जवाब दिया। 

सूचना आयुक्त बारेठ ने इस पर नाराजगी जाहिर की और कहा अधिकारी का यह रवैया कानून के प्रति  गैर जिम्मेदाराना है। बारेठ ने इन दोनों मामलो में सुनवाई के बाद परिषद आयुक्त पर दस दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। इन में से दो मामलो में आयोग ने परिषद आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे आवेदकों को संबधित दस्तावेजात के अवलोकन का मौका दे। परिषद को इसकी पालना के लिए पंद्रह दिन का समय दिया गया है। 

 परिषद कोई डेढ़ साल से  भी अधिक समय से इन मामलो में कार्रवाही नहीं कर रहा था। प्रशांत मित्तल ने बारां में जमीन अधिग्रहण के मामले में कुछ सूचना हासिल करने के लिए ये आवेदन दाखिल किये थे।  आयोग ने आदेश की प्रति स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को भी भेजने का आदेश दिया है।  


 आयोग ने एक अन्य मामले में अजमेर में सावर के सहायक खनिज अभियंता पर दस हजार रूपये का अर्थ दंड लगाया है। आयोग के सम्मुख सीताराम गुप्ता ने अपील दाखिल कर शिकायत की थी कि वे 5 मार्च ,2018 से खनन आवंटन से जुड़े कुछ मामलो में सूचना के लिए गुहार कर रहे है। लेकिन अभियंता ने उनकी अर्जी को कोई तवज्जो नहीं दी।आयोग ने अभियंता को कई बार सुनवाई के लिए तलब किया और अपना पक्ष रखने को कहा। लेकिन अभियंता ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस पर सूचना आयुक्त  बारेठ ने दस हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। आयोग ने खनन विभाग से कहा है कि वो गुप्ता को संबधीत पत्रावली का अवलोकन का अवसर दे और 50 पृष्ठो तक की सूचना मुफ्त में प्रदान करे।  

आयोग ने अपने इस आदेश की प्रति खान और भू विज्ञानं विभाग को भी भेजने का आदेश दिया है। आयोग ने विभाग को जुर्माने की यह राशि अधिकारी के वेतन से काटने का निर्देश दिया है।