चिकित्सा में होम्योपैथी महत्वपूर्ण - राज्यपाल





जयपुर, 10 अप्रेल। राज्यपाल  कलराज मिश्र ने कहा है कि सस्ती, सहज और बिना किसी साईड इफैक्ट वाली चिकित्सा सेवाएं आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत हैं। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति इस लिहाज से महत्वपूर्ण बनकर उभरी है।

राज्यपाल  मिश्र शनिवार को विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर यहां राजभवन से होम्योपैथी विश्वविद्यालय जयपुर के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आॅफ होम्योपैथी भवन के उद्घाटन के अवसर पर आॅनलाइन संबोधित कर रहे थे। 

परिवहन एवं सैनिक कल्याण मंत्री  प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि निरोगी राजस्थान को साकार करने की दिशा में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों की अहम भूमिका है। इसे देखते हुए राज्य सरकार होम्योपैथी के विकास के लिए सतत् प्रयत्नशील है। कोविड-19 महामारी के दौर में रोग प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत करने की नई चुनौती सामने आई है जिसमें वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां महत्वपूर्ण साबित हुई हैं।



सांसद डाॅ. मनोज राजौरिया ने कहा कि कम खर्च में इलाज करने की विशेषता के चलते होम्योपैथी ने कम समय में ही विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि देश में इस चिकित्सा पद्धति के समुचित विकास और उच्च स्तरीय होम्योपैथिक मेडिकल पेशेवर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक पारित किया गया है।

राज्यपाल  मिश्र ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आॅफ होम्योपैथी के नवनिर्मित भवन  का उद्घाटन भी किया।

समारोह में होम्योपैथी विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डाॅ. गिरेन्द्र पाल, अध्यक्ष डाॅ. ए.एन. माथुर, सचिव डाॅ. के.सी. भिण्डा, कुलसचिव डाॅ. तारकेश्वर जैन, प्राचार्य डाॅ. अतुल कुमार सिंह ने भी  विचार व्यक्त किए।