जयपुरए 6 मई। आॅयल इंडिया तीन साल में कच्चे तेल और गैस भण्डारों के लिए पेट्रोल माइनिंग लाइसेंस और पेट्रोल एक्सप्लोरेशन लाइसेंस क्षेत्रों में 30 और कुओं की खुदाई करेगा ।
अॅायल इण्डिया मौजूदा समय जैसलमेर और बीकानेर में प्रतिदिन 180 बैरल भारी तेल और 0.8 लाख क्यूबिक मीटर गैस का प्रतिदिन उत्पादन कर रहा है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम डाॅ सुबोध अग्रवाल के अनुसार आॅयल इंडिया ने राज्य सरकार से बीकानेर.जैसलमेर और बीकानेर क्षेत्र में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज कार्य लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। राज्य में इस समय आॅयल इंडिया को दो पेट्रोल माइनिंग लाइसेंस व तीन पेट्रोल एक्सप्लोरेशन लाइसेंस दिए हुए हैं।राज्य में चार पेट्रोलियम बेसिन 14 जिलों में डेढ़ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हए हैं।
डा अग्रवाल ने बताया कि आॅयल इण्डिया के जैसलमेर बेसिन के तनोट डांडेवाल में कुओं से प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा है और उसे राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के रामगढ़ स्थित थर्मल प्लांट को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी तरह से बीकानेर.नागौर बेसिन के बागेवाला में कुओं में खनिज तेल का उत्पादन किया जा रहा है।
आॅयल इण्डिया के राजस्थान फिल्ड के अधिशाषी निदेशक एसके सिंह ने बताया कि जैसलमेर के तनोट में 1984 से खोज कार्य आरंभ किया गया और 1988 से उत्पादन किया जा रहा है। वर्तमान मेें .8 मिलियन मेट्रिक स्टेण्डर्ड क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है। जैसलमेर के लुडुर्वा और डांगरी में 67.6 मेगावाट पवन उर्जा और जैसलमेर के रामगढ़ में 14 मेगावाट सोलर उर्जा का उत्पादन किया जा रहा है।