सुनिश्चित करें वन्यजीवों का संरक्षण एवं संवर्धन: मुख्यमंत्री

 जयपुर, 21 नवम्बर। मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत ने कहा कि वन एवं वन्य जीव हमारी जैव विविधता का महत्वपूर्ण अंग है। 


उन्होने कहा कि प्रदेश में कई दुर्लभ प्रजातियों के वन्य जीव हैं, उनका योजनाबद्ध तरीके से संरक्षण एवं संवर्धन सुनिश्चित किया जाए। अधिकारियों को निर्देश दिए कि टाइगर रिजर्व क्षेत्रों से पुनर्वास के काम को गति दी जाए।  
 


गहलोत वन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राज्य पक्षी गोडावण तथा खरमोर चिड़िया की दुर्लभ प्रजाति को संरक्षित करने के लिए प्रदेश में किए जा रहे प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पारिस्थितिकी संतुलन के लिए ऐसे दुर्लभ वन्यजीवों को बचाना बेहद जरूरी है। इसके लिए राज्य सरकार संसाधन उपलब्ध कराने में कोई कमी नहीं रखेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में ग्रेड इण्डियन बस्टर्ड (गोडावण) के संरक्षण के लिए कृत्रिम प्रजनन का अभिनव प्रयोग किया गया है। इससे 9 अण्डों से चूजे प्राप्त किए हैं। गोडावण और खरमोर के संरक्षण के लिए रेडियो काॅलर भी लगाए हैं।