पावर प्लांट्स: भूमि की मूल्यांकन दर कृषि भूमि की दोगुना 




जयपुरJaipur , 29 जनवरी। राज्य सरकार ने प्रदेश में सोलर पावर, विण्ड पावर तथा हाइब्रिड पावर प्लान्ट Power plantकी स्थापना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन संयंत्रों के लिए भूमि की मूल्यांकन दरें कृषि भूमि की दर का दोगुना कर दी हैं।
सरकार ने अन्य औद्योगिक प्रयोजनों के लिए भूमि की दरें भी कृषि भूमि की दर का तीन गुना करने का निर्णय लिया है। 


मुख्यमंत्री Ashok Gehlot  गहलोत ने इस आशय के वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। उन्होंने विभिन्न औद्योगिक प्रयोजनार्थ भूमि की मूल्यांकन दरों के पुनरीक्षण के लिए अधिसूचना के प्रारूप का भी अनुमोदन कर दिया है। 
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में औद्योगिक प्रयोजनों के लिए भूमि की मूल्यांकन दरें पुनरीक्षित कर संबंधित क्षेत्र की आवासीय भूमि की दरों के समान कर दी गई थीं। इस निर्णय के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में औद्योगिक भूमि के मूल्यांकन की दरों में असामान्य वृद्धि हो गई थी। साथ ही, इससे स्टाम्प ट्यूटी एवं पंजीयन शुल्क का दायित्व अत्यधिक बढ़ गया था।


औद्योगिक भूमि का मूल्यांकन अव्यवहारिक हो जाने के चलते कई संगठनों, संस्थाओं और व्यक्तियों ने राज्य सरकार को ज्ञापन प्रस्तुत कर औद्योगिक प्रयोजनों के लिए भूमि की दरों को पुनरीक्षित करने की मांग की थी। राज्य सरकार के पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने भी वर्ष 2019 में घोषित औद्योगिक भूमि की मूल्यांकन दरों को अव्यवहारिक मानते हुए उनके पुनरीक्षण के लिए प्रस्ताव दिया था। इस क्रम में यह निर्णय लिया गया है।