तीन दिवसीय हैण्डलूम उत्सव शुरु

 

 

जयपुर, 2 मार्च।अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने यहां चौमू हाउस में राजस्थान हैण्डलूम डवलपमेंट कारपोरेशन (आरएसडीसी) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय हैण्डलूम उत्सव का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया।

 

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि परंपरागत हस्तशिल्प के संवद्र्धन और संरक्षण के लिए राज्य सरकार प्रतिवद्ध है। उन्होंने कहा कि हैण्डलूम उत्सव के माध्यम से प्रदेश के अवार्डी हस्तशिल्प बुनकरों सहित बुनकरों को अपने उत्पादों को शो केस करने और बिक्री के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा रहा है।

 

एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य के कोटा-कैथून-बारां की कोटा डोरिया, बगरु, सांगानेरी, बाड़मेरी, अजरख, आकोला प्रिन्ट की विशिष्ठ पहचान रही है और इसे विश्वव्यापी मार्केट उपलब्ध कराने के लिए समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान के बुनकरों के उत्पादों को ई मार्केट से जोड़ा जाएगा।

 

 

 राज्य सरकार के प्रतिष्ठान आरएसडीसी एमडी शुभम चौधरी ने बताया कि तीन दिवसीय हस्तशिल्प उत्सव में पद्मश्री रामकिशोर डेरावाला, नेशनल अवार्डियों में जयपुर के अवधेश कुमार, सांगानेर के अब्दुल मजीद, जयपुर के ही अबरार अहमद, मोहम्मद साबिर, बाड़मेर के राणामल खत्री, कोटा कैथून के नसरुदीन अंसारी, अब्बास अली, अब्दुल हकीम कचारा, मुस्तकिम कचारा, मोहम्मद सिददकी, और बारां मांगरोल के मोहम्मद यासिन, राज्य अवार्डियों में बारां मांगरोल क मोहम्मद सिद्दकी, सांगानेर जयपुर के खुशीराम के साथ ही सवाई माधोपुर के उभरते हुए जाने माने दस्तकार बुनकर बाबूलाल नामा और जयपुर की फरहा अंसारी ने अपने कलेक्शन साड़िया, दुपट्टे, ड्रेस मैटेरियत आदि का प्रदर्शन व बिक्री की जा रही है।

 

आरएसडीसी एमडी  शुभम चौधरी ने बताया कि हैण्डलूम उत्सव में कोटा डोरिया, जरी, प्रिन्टेड साड़ियां, लहरिया, मोठड़ी साडियां, सिल्क, चंदेरी, महेश्वरी, ब्लाक प्रिन्टेड साड़ियां, कोटा डोरिया, जरी व प्रिन्टेड दुपट्टे, बेडकवर्स, बेडशीट्स, दोहर, खेस, दरियों के साथ ही लेडीज एवं जेन्टस के हथकरघा गारमेंट्स भी प्रदर्शित और बिक्री की जा रही है।

 

आरएसडीसी के महाप्रबंधक  नायब खान ने बताया कि हैण्डलूम उत्सव सी-स्कीम स्थित चौमू कोठी, चौमू हाउस पर किया गया है। चार मार्च तक चलने वाले तीन दिवसीय हैण्डलूम उत्सव प्रातः 11 बजे से सायं 7 बजे तक है और प्रवेश निःशुल्क है।