देश में प्रवासी मजदूरों की समस्या बहुत गंभीर:मुख्यमंत्री


जयपुर, 17 अप्रेल। मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत ने कहा कि  कोरोना के संक्रमण और लाॅकडाउन के कारण देश में प्रवासी मजदूरों की समस्या बहुत गंभीर हो गई है।


गहलोत ने आज यहां वीडियों काफ्रेंस के माध्यम से मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना के संक्रमण और लाॅकडाउन के कारण देश में प्रवासी मजदूरों की समस्या बहुत गंभीर हो गई है। चाहे मजदूर अपने राज्य में रह रहे हों या दूसरे राज्य में उनका एक बार अपने घर जाना जरूरी है। ऐसे में 20 अप्रेल के बाद हो सकता है, भारत सरकार इसमें थोड़ी छूट दे दे। ऐसा होने से मजदूरों का टूटा मनोबल लौट सकेगा और वे अपने रोजगार पर वापस आने में सहूलियत महसूस करेंगे। 



 गहलोत ने कहा कि 20 अप्रेल से शुरू होने वाले माॅडिफाइड लाॅकडाउन के दौरान मास्क लगाने, सामाजिक दूरी बनाने सहित सभी प्रोटोकाॅल की पालना में कोई ढील नहीं दी जाएगी। 
उन्होने कहा कि केवल उद्योग-धंधों और काम पर आने-जाने के लिए मूवमेंट में आंशिक छूट केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप दी जाएगी। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारेंटाइन की सुविधा आबादी क्षेत्र के पास होने पर घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कोरोना हवा से फैलने वाली बीमारी नहीं है। क्वारेंटाइन सुविधा जगह की उपलब्धता और भोजन आदि की व्यवस्था सुलभ करवाने में आसानी होने के आधार पर तय की जाती है। कोई भी सरकार नहीं चाहेगी कि एक भी मरीज की संख्या बढे़, इसलिए क्वारेंटाइन फैसेलिटी में सामाजिक दूरी के प्रोटोकाॅल की पूरी पालना की जाती है। 


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वयं के लिए केंद्र सरकार से पैकेज मांग रही है, हमारा मानना है कि उद्योगों को भी इस संकट के दौर से बाहर आने के लिए मदद की जानी चाहिए। यह एक राष्ट्रीय त्रासदी है, जिसमें सभी वर्ग परेशानी में हैं। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए राज्य सरकार की बजाय केंद्र सरकार की भूमिका अधिक है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना और लाॅकडाउन से केवल मध्यम वर्ग नहीं, सभी वर्गों की परेशानियां बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि खुद सरकारें भी विषम आर्थिक हालातों का सामना कर रही हैं। पूरी अर्थव्यवस्था चैपट हो गई है, इससे निपटने के लिए सभी को कुछ त्याग करना पडे़गा। देश-प्रदेश और परिवारों को खर्चों में कटौती करनी पडे़गी। वित्तीय संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करना पडे़गा, तभी सबकी तकलीफें कम हो सकेंगी। 


गहलोत ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है, जहां मजदूरों की परेशानी को दूर करने का लक्ष्य रखकर काम शुरू किया गया है। आमजनता, समाज और प्रशासन ने इसमें भरपूर सहयोग दिया है। कुछ काम-धंधे 20 अप्रेल के बाद शुरू हो जाएंगे तो कुछ लोगों को काम मिल जाएगा। उसके बाद आकलन कर शेष मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने की योजनाएं बनाई जाएंगी।