‘हर घर पाठशाला’ कार्यक्रम शुरू 


 शिमला, 24 अप्रेल । प्रदेश सरकार ने राज्य में कोरोना महामारी के दृष्टिगत लगाए गए कफ्र्यू के दौरान विद्यार्थियों के लिए घर पर अध्यापन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए ‘हर घर पाठशाला’ कार्यक्रम आंरभ किया है, ताकि विद्यार्थियों की शिक्षा जारी रहे।


 मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज यहां शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के तहत अधिक से अधिक विद्यार्थियों को विभिन्न कार्यक्रमों का उपयोग कर शिक्षा प्रदान की जा रही है। 


उन्होंने कहा कि दूरदर्शन शिमला पर प्रतिदिन 10वीं तथा 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तीन घंटे के कार्यक्रम के अतिरिक्त व्हाट्सऐप तथा केंद्रीकृत वैबसाइट के माध्यम से अध्यापकांे द्वारा आॅनलाईन कक्षाएं आयोजित करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी के माध्यम से अधिकतम विद्यार्थियों को सुविधा प्रदान करने के लिए अध्यापन माॅड्यूल आरंभ करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।


 जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार कार्यक्रम के लिए श्रेष्ठ शैक्षणिक विषय वस्तु विकसित करने के लिए शिक्षा विभाग के अध्यापकों को सम्मानित करने तथा पाठशालाओं में इन कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के बारे में भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण विषयों पर विद्यार्थियों के लिए श्रेष्ठ विषय वस्तु उपलब्ध करवाने तथा पहली से 12वीं कक्षा तक कवरेज सुनिश्चित करने पर बल दिया जाना चाहिए।


 मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के कारण 12वी कक्षा के जिन व्यवसायिक विषयों की परीक्षाएं आयोजित नहीं हो पाई हैं, विद्यार्थियों को उन विषयों में अंक प्रदान करने के लिए एक प्रभावी तथा स्वीकार्य प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए एक विश्वसनीय प्रणाली विकसित हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को प्रभावी एग्जिट योजना तैयार करनी चाहिए, ताकि शैक्षणिक संस्थानों की कार्य पद्धति को जितनी जल्दी हो सके सामान्य बनाया जा सके।


 जय राम ठाकुर ने कहा कि विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसलिए विद्यालयों तथा काॅलेजों के शैक्षणिक तथा खेल कलैंडरों को दोबारा सुनियोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड को समय पर उत्तर पुस्तिकाओं के मुल्यांकन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।


 शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश की 98 प्रतिशत प्रारम्भिक पाठशालाएं तथा 90 प्रतिशत उच्च पाठशालाएं व्हाट्सऐप के माध्यम से उच्च प्राधिकारियों के साथ जुड़ी हुई हैं, जबकि 66 प्रतिशत प्रारम्भिक पाठशाओं तथा 72 उच्च पाठशालाओं के विद्यार्थी व्हाट्सऐप के माध्यम से अपने अध्यापकांे से जुड़े हुए हैं।