चंडीगढ़, 24 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए पानी की बचत सुनिश्चित करने की दिशा में धान बाहुल्य जिलों में धान के स्थान पर किसानों को कम पानी से तैयार होने वाली अन्य वैकल्पिक फसलें अपनाने की अपील की है ।
उन्होने कहा कि पानी की बचत के लिए चलाए गए ‘जल ही जीवन है’ अभियान को और अधिक गति प्रदान करने के मद्देनजर आज प्रदेश के किसानों नेताओं से आह्वान करते हुए कहा कि वे इस अभियान को एक आंदोलन के रूप में चलाकर किसानों को धान के स्थान पर मक्का, अरहर, ग्वार, तिल, ग्रीष्म मूंग (बैशाखी मूंग) व अन्य फसलों की बुआई करने के लिए प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री ने यह आह्वान आज यहां चंडीगढ़ से विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न किसान संघों के नेताओं से बातचीत करने के दौरान किया।
मुख्यमंत्री ने विडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान इस अभियान को सफल बनाने के लिए कई किसान नेताओं द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों का स्वागत करते हुए इन्हें भविष्य की योजनाओं में शामिल करने का आश्वासन देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक विजय दहिया को निर्देश भी दिए कि जिन किसान नेताओं द्वारा सुझाव दिए गए हैं उनको शीघ्र ही कृषि निदेशालय में बुलाकर पूरी जानकारी लें तथा 15 दिनों के अंदर-अंदर जल संरक्षण की नई योजनाएं तैयार करें। इसी प्रकार, भू-जल रिचार्ज के लिए खेतों व तालाबों में बोरवैल की एक समेकित योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए।