नई दिल्ली New Delhi , 8 अप्रेल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संसद में राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया कोविड -19 Kovid-19 की गंभीर चुनौती का सामना कर रही है। वर्तमान स्थिति मानव जाति के इतिहास में एक युगांतकारी घटना है और हमें इसके प्रभावों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से सक्षम होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में केंद्र के साथ मिलकर काम करने वाली राज्य सरकारों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में एकजुट मोर्चा पेश करने के उद्देश्य से देश में राज्य-व्यवस्था के सभी वर्गों की एकजुटता के माध्यम से रचनात्मक और सकारात्मक राजनीति देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि चाहे सामाजिक दूरी बनाए रखना हो या जनता कर्फ्यू या लॉकडाउन के मानदंडों का पालन करना हो, इस तरह के प्रत्येक निर्णय में सभी नागरिक अपनेपन की भावना, अनुशासन, समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ अहम योगदान दे रहे हैं, जो निश्चित तौर पर प्रशंसनीय है।
प्रधानमंत्री Prime Minister Narendra Modi ने यह बात रेखांकित की कि देश में स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है। देश को कठोर निर्णय लेने के लिए विवश होना पड़ा है और उसे आगे भी निरंतर सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई राज्य सरकारों, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन बदलती परिस्थितियों में देश को अपनी कार्य संस्कृति और कार्यशैली में बदलाव लाने के लिए एक साथ प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी को बचाना है। उन्होंने कहा कि देश कोविड-19 के कारण गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, और सरकार उनसे पार पाने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनीतिक दलों के नेताओं ने लॉकडाउन की समाप्ति पर इसे चरणबद्ध ढंग से हटाने और लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाने के बारे में सुझाव दिए।