ऋणदाताओं को अतिरिक्त किश्ते देनी पडेगी ।कांग्रेस


जयपुर, 18 अप्रेल । राजस्थान प्रदेश कांग्रेस Congress  कमेटी के सीए प्रकोष्ठ अध्यक्ष सीए विजय गर्ग ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विगत 27 मार्च को जारी पत्र के बाद लाकॅडाउन के बाद  ऋण चुकाने वालों पर करीब 10 किस्तों का अधिक भार पडेगा साथ ही कई परेशानियों से जुझना पडेगा ।


  उन्होने कहा कि लाकॅ डाउन में आरबीआई RBI द्वारा दी गई तीन किस्तों का स्थगन अधिकांश ऋण चुकाने वालों  के लिए “सिरदर्द”साबित होने वाला है ।


 विजय गर्ग ने आज कहा कि “कोरोना” के चलते  भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से 27 मार्च 2020 को जारी पत्र संख्या RBI/2019-20/186, DOR No. BP.BC.47/21.048/2019-20 जो कि भारत के सभी कमर्शियल बैंक, कॉपरेटिव बैंक, वित्तीय संस्थाएं एवं नॉन बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं को लिखा गया है जिसमें किसी भी उद्देश्य के लिए ऋण लिया है उन्हे लाकडाउन की वजह से 1 मार्च या उसके बाद  Due होने वाली किश्त को तीन महीनों के लिए स्थगित करने का आदेश दिया गया है ।
   


गर्ग का कहना है कि इस पत्र का सुक्ष्म ढंग से अध्ययन करने पर नतीजा निकलता है कि  छूट नहीं के बराबर है| उन्होने कहा कि यदि कोई लोन किसी भी श्रेणी में 20 साल के लिए लिया है और यदि उसकी एवरेज ( Average) ब्याज की दर 9% है और यदि लोन 19 साल का अभी बाकी है तो इस आदेश के कारण लोन लेने वालों को लगभग 10 किस्तों का अधिक भुगतान करना पड़ेगा ।
  गर्ग ने कहा कि यदि लिए गए लोन 15 साल का बाकी है तो लगभग 6 महीने की अतिरिक्त किस्तों का  भुगतान करना पड़ेगा  इससे स्पष्ट है, इस आदेश के बाद  लोन लेने वालों को जब भी वे ऋण चुकाएंगे अतिरिक्त भार का सामना करना पड़ेगा ।
 


 सीए प्रकोष्ठ के अध्यक्ष  ने प्रधानमंत्री , केन्द्रीय वित्त मंत्री और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को पत्र लिखकर इन 3 महीनों की अवधि को 6 महीनों की अवधि करने, छोटे एवं मध्यम उद्यमियों के इन 3 महीने की किस्तों के ऋण के ब्याज का भार सरकार द्वारा वहन करने एवं  यदि कोई लोन लेने वाला अपनी इन तीन से छह महीनों की किस्ते एक साथ चुकाता है तो उसको पेनल्टी से माफ किया जाए एवं लोन देने वाले बैंक एवं वित्तीय कंपनियों को यह निर्देश जारी किए जाएं कि वह ऋणी के द्वारा चुकाए जाने वाली एकमुश्त तीन या अधिक किस्तों को जमा करें और अतिरिक्त भार लोन लेने वाले पर ना डालें |