सैनिटेशन इंक्लोजर्स और फेस शील्ड्स का निर्माण किया


नई दिल्ली New Delhi , 4 अप्रेल । कोविड 19 महामारी के खिलाफ जारी प्रयासों में, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) त्वरित तरीके से उत्पादों का विकास करने के लिए वैज्ञानिक प्र्रयत्नों का उपयोग करता रहा है। डीआरडीओ प्रयोगशालाएं अधिक मात्रा में उत्पादन के लिए उद्योग के साझीदारों के साथ कार्य कर रही हैं।


डीआरडीओ की एक अहमदनगर स्थित एक प्रयोगशाला प्रयोगशाला वाहन अनुसंधान विकास प्रतिष्ठान (वीआरडीई) ने पीएसई नामक एक फुल बाडी डिस्इंफेक्शन चैंबर की डिजाइन तैयार की है। इस वाॅक थ्रू इंक्लोजर की डिजाइन एक समय पर एक व्यक्ति के लिए पर्सनल डिकान्टामिनेशन के लिए तैयार की गई है।


यह सैनिटाइजर एवं सोप डिस्पेंसर से सुसज्जित एक पोर्टेबल सिस्टम है। डिकान्टामिनेशन एंट्री के समय एक फुट पैडल का उपयोग करने के जरिये शुरु होता है।


चैंबर में प्रविष्ट होने के बाद, विद्युत तरीके से प्रचालित पंप डिस्इंफेक्शन के लिए हाइपो सोडियम क्लोराइड का एक डिस्इंफेक्टैंट मिस्ट तैयार करता हे। इस मिस्ट स्प्रे को 25 संकेंड के एक परिचालन के लिए अशांकित किया जाता है और यह परिचालन की पूर्णता का संकेत देते हुए स्वचालित रूप से बंद हो जाता है। प्रक्रिया के अनुसार, चैंबर के भीतर रहने के दौरान डिस्इंफेक्शन से गुजर रहे कार्मिक को अपनी आंखें बंद रखने की आवश्यकता होगी।