जयपुर, 18 अप्रैल। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूरे देश में आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं और लोगों के पास रोजगार नहीं है।
उन्होने कहा कि लाॅकडाउन के कारण केन्द्र एवं राज्यों को मिलने वाले राजस्व में भारी कमी आई है। अर्थव्यवस्था पर गंभीर विपरीत प्रभाव पड़ा है और उद्योगों को भी काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी लड़ाई लड़ रही है।
गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो काॅन्फ्रंेसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों के से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एफसीआई के गोदाम गेहूं से भरे हुए हैं, ऐसे में केन्द्र सरकार को चाहिए कि ऐसे सभी लोगों को जिन्हें जरूरत है उन्हें गेहूं उपलब्ध कराये चाहे उनके पास राशन कार्ड हो अथवा नहीं हो। इसके अलावा जो लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर नहीं भी हैं उन्हें भी गेहूं उपलब्ध कराया जाये ताकि किसी को भी भूखा नहीं सोना पड़े।
उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारी पहली प्राथमिकता कोविड-19 के संक्रमण को पूरी तरह से रोकना है, लेकिन साथ ही आर्थिक गतिविधियां संचालित हो सकें इसके भी प्रयास किये जा रहे हैं। माॅडिफाइड लाॅकडाउन के दौरान केन्द्र सरकार की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए सोशल डिस्टेंन्सिग के साथ औद्योगिक गतिविधियां संचालित हों यह सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केन्द्र एवं राज्यों को मिलकर काम करना होगा। लाॅकडाउन खोलने की प्रक्रिया भी चरणबद्ध तरीके से लागू करनी होगी ताकि आर्थिक गतिविधियांे के संचालन के साथ ही वायरस का संक्रमण रोकने में अभी तक जो सफलता मिली है उसे बरकरार रखा जा सके।
गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये राजस्थान माॅडल के तहत जो काम हो रहा है और ज्यादा से ज्यादा संख्या में टेस्ट किये जा रहे हैं, उसकी तारीफ दिल्ली से आई टीम ने भी की है। जयपुर में शनिवार को कई लोगों के रैपिड एंटी बाॅडी टेस्ट किए गये। अभी तक प्रदेश में 47000 से भी अधिक जांचें की गई हैं और पाॅजिटिव पाये गये मरीजों को ठीक करने में हमें काफी सफलता मिली है। फिलहाल आईसीयू में 6 मरीज हैं। जबकि 942 अन्य मरीजों का सामान्य वार्डों में ईलाज चल रहा है। अभी तक 183 मरीज ठीक हो चुके है उनमें से 83 को अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारी एवं पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं, ऐसे में कोरोना वाॅरियर्स के साथ किसी भी तरह के दुव्र्यवहार की निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि टोंक में हुई घटना पर सख्त कार्यवाही करते हुए राज्य सरकार ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूरे प्रदेश में ऐसे प्रकरणों में 191 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।