डाक विभाग ‘आत्मनिर्भर भारत’ वाली विचारधारा को साकार करने की दिशा में काम करे ।


नई दिल्ली,23 मई ।कानून एवं न्याय और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री
 रविशंकर प्रसाद ने भारत के मुख्य पोस्ट-मास्टर जनरलों और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ वाले दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में काम करें। प्रसाद आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 संकट के दौरान डाक विभाग की गतिविधियों और प्रयासों की समीक्षा की। 


इस वीडियो कांफ्रेंसिंग का संचालन सी-डॉट द्वारा विकसित प्रथम "मेक इन इंडिया" वीडियो कांफ्रेंसिंग सॉल्यूशन पर किया गया। इसके अंतर्गत यह वीडियो कांफ्रेंसिंग समाधान के लिए पहला सफल प्रयोग भी था।
भारतीय डाक के द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए किए गए प्रयासों की मुख्य विशेषताओं में
 पूरे देश में 2,000 टन से ज्यादा दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की बुकिंग की गई और जरूरतमंद लोगों और अस्पतालों में उसका वितरण किया गया।
आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती प्रदान करने के लिए, प्रतिदिन 25,000 किलोमीटर से ज्यादा सड़क परिवहन नेटवर्क चलाए जा रहे है और 75 टन से ज्यादा मेल और पार्सल ले जाया जा रहा है।


काफ्रेंस में बताया गया कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के द्वारा आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) का उपयोग करते हुए, लगभग 85 लाख लाभार्थियों को उनके घर तक 1,500 करोड़ रूपये पहुंचाए गए।वित्तीय समावेशन वाली विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत, 760 करोड़ रुपये वाली 75 लाख इलेक्ट्रॉनिक मनीऑर्डरों (ईएमओ) का  भुगतान किया गया।
लाभार्थियों के खातों में 1,100 करोड़ रुपये का डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) का भुगतान किया गया।लगभग 6 लाख भोजन और राशन के पैकेट, स्व-योगदान और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से मजदूरों, नगरपालिका श्रमिकों आदि में वितरित किए गए।
 


सीपीएमजी द्वारा डाक कर्मचारियों की समर्पित टीम के माध्यम से किए गए प्रयासों वाली गतिविधियों को साझा किया गया। इनमें गुजरात और उत्तर प्रदेश ने औषध और दवा कंपनी के साथ गठजोड़ करने और लॉजिस्टिक समाधान प्रदान करने का जिम्मेदारी उठाया।
बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और तेलंगाना वित्तीय समावेशन वाले अग्रणी राज्य रहे हैं।दिल्ली, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सर्कलों ने देश के उत्तर, पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों के लिए प्रवेश द्वार सुनिश्चित करने की दिशा में अच्छा प्रदर्शन किया है।हरियाणा, कर्नाटक, केरल सर्कलों ने जनता से सेवा का अनुरोध प्राप्त करने और उसे पूरा करने के लिए विशिष्ट ऐप विकसित किया है।
 


सेवा प्रदान करने और क्षेत्रीय विशिष्टताओं को बढ़ावा देने के लिए कुछ अभिनव मॉडल भी सीपीएमजी द्वारा साझा किए गए जैसे कि जम्मू और कश्मीर ने जल्द ही पूरे देश में माता वैष्णो देवी मंदिर के प्रसाद और कश्मीर के केसर का वितरण करने को अंतिम रूप दिया है।पंजाब द्वारा डाकघरों के माध्यम से और सीएससी के सहयोग से, भारतीय दवाओं की बुकिंग और वितरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।


बिहार ने "आपका बैंक आपके द्वार" के लिए, लगभग 11.65 लाख लोगों तक 147 करोड़ रुपये वितरित करके उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
 


केंद्रीय मंत्री ने संचार विभाग के लिए अपनी सोच को साझा करते हुए सीपीएमजीएस और भारतीय  डाक के वरिष्ठ अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि वे प्रधानमंत्री की विचारधारा ‘आत्मनिर्भर भारत’ को साकार करने की दिशा में काम करें।