फूटकर व्यापारियों के लिए अच्छी खबर

 


नई दिल्ली , 3 जून । स्ट्रीट वेंडर्स को किफायती ब्याज दर पर ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा योजना प्रधानमंत्री स्वनिधि- प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्म निर्भर निधि-  शुरू की गई। 


 इस योजना का उद्देश्य सड़क पर माल बेचने वालों को उनकी आजीविका फिर से शुरू करने में सक्षम बनाना है जो कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई है। स्ट्रीट वेंडर शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के बहुत महत्वपूर्ण घटक का प्रतिनिधित्व करते हैं जो शहरवासियों के घर-द्वार पर सस्ती दरों पर वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 


वे विभिन्न क्षेत्रों/संदर्भों में वेंडर, हॉकर, ठेलेवाला, रेहड़ी वाला, ठेली फडवाला आदि के रूप में जाने जाते हैं। उनके द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले सामानों में सब्जियां, फल, रेडी-टू-ईट स्ट्रीट फूड, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, वस्त्र, परिधान, जूते, कारीगर उत्पाद, किताबें/स्टेशनरी आदि शामिल हैं। वे समान्यतः अनौपचारिक स्रोतों से बहुत अधिक ब्याज दरों (कभी-कभी 1% प्रति दिन-लगभग 400% तक की सालाना दर) पर ली गई छोटी पूंजी के आधार पर काम करते हैं। इसके अलावा उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपनी बचत और उच्च लागत पूंजी का उपभोग किया होगा। इसलिए उनके व्यापार को फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए सड़कों पर माल बेचने वालों को औपचारिक बैंकिंग चैनल के माध्यम से कार्यशील पूंजी के लिए सस्ती ब्याज दर पर कर्जे प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता है।


      पीएम स्वनिधि योजना ने 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा है जो 24 मार्च, 2020 से पहले शहरी क्षेत्रों सहित आसपास के शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में घूम घूम कर सामान बेच रहे थे। योजना की अवधि मार्च 2022 तक है। 


पहली बार शहरी आजीविका कार्यक्रम के तहत शहरों के आसपास के शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित स्ट्रीट वेंडरों को लाभार्थी के रूप में शामिल किया जा रहा है। वेंडर 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ उठा सकते हैं जो एक वर्ष के कार्यकाल में मासिक किस्तों में चुकाने योग्य होगी। ऋण का समय/समयपूर्व भुगतान करने पर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में 7% की सालाना दर की ब्याज सब्सिडी छ्माही आधार पर जमा होगी। समयपूर्व ऋण की अदायगी पर कोई पेनल्टी नहीं ली जाएगी।


      समय पर/समयपूर्व ऋण की चुकौती करने पर इस योजना में ऋण सीमा को बढ़ाने में मदद मिलेगी ताकि विक्रेता को आर्थिक सीढ़ी पर ऊपर चढ़ने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने में मदद मिल सके। इसका मतलब है कि यदि वह समय पर या उससे पहले किस्तों को चुकाता है तो वह अपना विश्वसनीय क्रेडिट स्कोर विकसित करेगा जो उसे टर्म लोन की उच्च राशि के लिए पात्र बनाता जैसे 20,000 रुपये का।
 शहरी स्थानीय निकाय इस योजना के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वे योजना को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए सभी हितधारकों जैसे स्ट्रीट वेंडरों के एसोसिएशन, बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स (बीसी)/बैंकों के एजेंट/माइक्रो-फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (एमएफआई), स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और उनके संघों, भीम, पेटीएम, गूगल प्ले, भारतपे, अमेज़ोनपे फोनपे आदि जैसे डिजिटल पेमेंट एग्रीगेटर्स के नेटवर्क का लाभ उठाएंगे।


      योजना के तहत ऋण देने वाले संस्थानों में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान, माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशन और स्वयं सहायता समूह बैंक शामिल हैं। यह पहली बार है कि गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान, माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशन और स्वयं सहायता समूह बैंकों को उनके जमीनी स्तर की उपस्थिति और स्ट्रीट वेंडर्स सहित शहरी गरीबों के साथ उनकी निकटता के कारण शहरी गरीबों की मदद की इस योजना में अनुमति दी गई है।


      प्रभावी वितरण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की सरकार की दृष्टि के अनुरूप इस योजना को एंड-टू-एंड समाधान के साथ संचालित करने के लिए वेब पोर्टल/मोबाइल ऐप के साथ एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जा रहा है। यह आईटी प्लेटफॉर्म वेंडर्स को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में समाहित करने में भी मदद करेगा। यह प्लेटफ़ॉर्म क्रेडिट प्रबंधन के लिए सिडबी के उद्यमी मित्र पोर्टल और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के पैसा पोर्टल के साथ एकीकृत करेगा ताकि ब्याज सब्सिडी को स्वचालित रूप से नियंत्रित किया जा सके।


    


      भुगतान एग्रीगेटर जैसे एनपीसीआई, पेटीएम, आदि वेंडर्स को व्यापारियों के रूप में ऑन-बोर्ड करेंगे और उहें भुगतान प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड प्रदान करेंगे। महीने में 50 लेनदेन निष्पादित करने पर 50 रुपये मासिक कैशबैक के रूप में प्रोत्साहन स्वरूप मिलेंगे। इसके अलावा अगले 50 और उसके बाद महीने में क्रमशः 100 या अधिक लेनदेन पूरा करने पर प्रत्येक पर 25 रुपये का कैशबैक मिलेगा। इसका मतलब हुआ कि अधिकतम प्रति माह 200 रुपये या अधिक योग्य लेनदेन पूरा करने पर 100 रुपये प्रति माह मिलेंगे। यहां पात्र लेन-देन का अर्थ है एक डिजिटल पे आउट या रसीद जिसमें न्यूनतम मूल्य 25 रुपये हो।


      आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय, राज्य सरकारों, दीनदयाल अंत्योदय योजना– नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन, शहरी स्थानीय निकाय, सिडबी, क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्माल एंटरप्राइज़ेस, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम और डिजिटल पेमेंट एग्रीगेटर्स के राज्य मिशन के साथ मिल कर सभी हितधारकों और आईईसी गतिविधियों की क्षमता निर्माण के लिए वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का जून में पूरे देश में शुभारंभ करेगा। जुलाई के महीने में ऋण दिया जाना शुरू हो जाएगा।