पूंजीपतियों को कृषि उपजो के व्यापार में एकाधिकार देना, खुशहाली से खिलवाड़ है - रामपाल जाट


जयपुर, 20 जुलाई । किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि किसानों के नाम पर पूंजीपतियों को कृषि उपजो के व्यापार में एकाधिकार देना, देश की खुशहाली से खिलवाड़ है ।
जाट ने कहा कि किसान हितों के नाम पर भारत सरकार "एक राष्ट्र-एक बाजार" की नई नीति के अंतर्गत कृषि उपजों के व्यापार पर पूंजीपतियों को एकाधिकार सौंप रही है। इसके लिए आज देशव्यापी विरोध का आगाज कर देश के किसानों ने भारत सरकार को चेताया है।


देशव्यापी विरोध दिवस के दिन आज जाट के आहवन पर के किसानों ने  कृषि उपज मंडियों में अपने-अपने ट्रैक्टरों पर विरोध में काले झंडे लगाकर प्रदर्शन किया ।  विरोध दिवस पर राजस्थान सहित पंजाब व हरियाणा के किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया ।
 जाट के अनुसार गंगानगर में सभी 16 मंडियों तथा हनुमानगढ़ जिले की मंडियों सहित जयपुर जिले की दूदू मंडी से ट्रैक्टरों का काफिला उपखंड अधिकारी दूदू के कार्यालय तक पहुंच कर उपखंड अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में मांग की गई है कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश, 2020 मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता अध्यादेश,2020 से संबंधित सभी कानूनों के अध्यादेशों को वापस लेने का आग्रह किया है।


जाट ने सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार किसानों की मांग माने वर्ना अन्यथा भारत सरकार किसानों का विरोध झेलने के लिए तैयार रहें।
उन्होने कहा कि भारत सरकार किसानों के चना की खरीद तो नहीं कर रही है तथा तिलहन-दलहन की उपजों के 25% से अधिक खरीद पर प्रतिबंध लगा रखा है। यानि जो काम भारत सरकार को करना चाहिए, वह तो भारत सरकार कर नहीं रही बल्कि कृषि उपजों के व्यापार पर पूंजीपतियों को एकाधिकार सौंपने जैसा नहीं करने योग्य काम कर रही है। इसी क्रम में कृषि उपज मंडियों को समाप्त करने का षड्यंत्र चल रहा है। इस सबसे किसानों में आक्रोश है।