यह कैसी आत्मनिर्भरता!!


जयपुर, 28 जुलाई ।राजस्थान प्रदेश बैंक वर्कर्स आर्गेनाइजेशन ने केन्द्र सरकार द्वारा बैंकिंग, कोयला, स्टील, विमानन आदि सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों के निजीकरण के माध्यम से बेचने के विरोध में 'सार्वजनिक उपक्रमों को बचाओ, भारत बचाओ' (Save Public Sector, Save India) अभियान के हत आज प्रदेशव्यापी प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को सम्बोधित  ज्ञापन दिए गए ।


   जयपुर में नैशनल आर्गेनाईजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स आर्गेनाईजेशन के चैयरमेन अनिल माथुर ने कहा  कि एक ओर हमारे प्रधानमंत्री मोदीजी देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात कह रहे है दूसरी ओर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बैंकिंग, कोयला, स्टील एवं विमानन कम्पनियों को निजीकरण के नाम पर निजी सेठों, विदेशी मित्रों के हाथ बेचकर हमें आर्थिक गलामी की ओर धकेल रहे हैं। देश में प्रति व्यक्ति आय लगातार कम होती जा रही है, जी.डी.पी. में लगातार गिरावट आ रही है, भारत के निवासियों के लिए आय के साधन कम होते जा रह है, यह कैसी आत्मनिर्भरता है। मोदी सरकार आर्थिक क्षेत्र में पूर्णतया विफल रही है।


अखिल भारतीय ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष  राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि बैंक कर्मचारी वर्तमान में कोविड महामारी से जूझते हुए जन आक्रोश का सामना करते हुए अत्यन्त विपरीत परिस्थितियों में कार्य कर रहे है । 


बैंककर्मियों की प्रमख मांग है कि बैंक में अन्य केन्द्रीय संस्थानों की सेवा शर्तों के अनुरूप 5 दिवसीय बैंकिंग लागू की जाए, पैंशन में सुधार किया जाए, पिछले समझौते के 7.75 प्रतिशत विशेष भत्ते को मूल वेतन में विलय किया जाए, बैंक वालों का न्यूनतम 50 लाख रूपये का बीमा किया जाए एवं उन्हें कोरोना वारियर्स घोषित किया जाए ।



प्रदर्शन के अन्त में पंजाब नैशनल बैंक के उप फील्ड महाप्रबन्धक  कुलदीप शर्मा, राजस्थान मरूधरा ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबन्धक - प्रथम,  बलवन्त सिंह एवं क्षेत्रीय प्रबन्धक-द्वितीय,  के.के. गुप्ता को प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी को सम्बोधित ज्ञापन प्रेषित किया गया । भारतीय मजदूर संघ की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में 28 जुलाई  को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया था ।