जयपुर, 9 फरवरी। ‘धरती के सबसे बड़े लिटरेचर शो’ के नाम से प्रसिद्ध जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 14वां संस्करण, वर्चुअल रूप में 19 से 28 फरवरी को आयोजित किया जा रहा है| यह बहु-प्रतीक्षित साहित्य उत्सव दुनिया के श्रेष्ठ लेखकों, चिंतकों और वक्ताओं के माध्यम से विविध अभिव्यक्तियों को मंच प्रदान करता है|
ग्लोबल बेस्टसेलर, द क्यूरियस इंसिडेंट ऑफ़ द डॉग इन द नाईट-टाइम से चर्चित प्रसिद्ध लेखक और कवि मार्क हेडन अपने लेखन की प्रेरणा के बारे में बात करेंगे| लोकप्रिय लेखक फिलिप पुलमैन भी फेस्टिवल में वैकल्पिक वास्तविकता के विषय में अपना नज़रिया प्रस्तुत करेंगे| एक अन्य सत्र में दो मुखर लेखिकाएँ दीपा अनाप्पारा और एनी ज़ैदी भारतीय समाज में व्याप्त असमानता और विरक्ति पर बेख़ौफ़ अपनी राय रखेंगी|
आयरलैंड के महान उपन्यासकार कॉम तोइबिन एक सत्र में श्रोताओं के साथ अपनी लेखन प्रक्रिया और अपनी बेस्टसेलिंग किताब द मास्टर के बारे में बात करेंगे| साहित्य के ‘कुम्भ’ में एक सत्र अवनी दोशी के बुकर प्राइज के लिए नामांकित बर्न्ट शुगर पर भी आधारित होगा| ये उपन्यास भारत में द गर्ल इन वाइट कॉटन इन इंडिया के नाम से प्रकाशित हुआ, जिसमें एक माँ-बेटी के विविध और जटिल रिश्तों की कहानी है|
मूल रूप से मलयालम में मीशा शीर्षक से प्रकाशित एस. हरीश के उपन्यास मस्टेश जादू, मिथक और रूपक का उत्कृष्ट मिश्रण है| साहित्य के लिए वर्ष 2020 का जेसीबी पुरस्कार जीतने वाला यह उपन्यास साहित्य के माध्यम से भारत के छिपे कोनों को सामने लाया है| इस सत्र में हरीश और उनकी पुरस्कार-विजेता जयश्री कलाथिल, लेखक और अनुवादक अरुणी कश्यप के साथ अपने काम और इतिहास, भूगोल, राजनीति व लोककथाओं के विषय में चर्चा करेंगे|
चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी और प्रिया अटवाल कथा और तथ्यों के माध्यम से खूबसूरत महारानी जिन्दन कौर को सजीव करेंगी| कौर वर्ष 1843 से 1846 तक सिख साम्राज्य की शासक रहीं| द एक्साइल सहित अनेकों फिक्शन और नॉन-फिक्शन लिखने वाले लेखक नवतेज सरना दोनों लेखिकाओं से बात करते हुए एक शक्तिशाली साम्राज्य के उत्थान और पतन की कहानी, दरबारी रिवायतों, उपनिवेशी कपट और लालच की कहानी बयां करेंगे|
प्रसिद्ध इतालवी भौतिक विज्ञानी और लेखक कार्लो रोवेली अपने प्रेरणा स्रोत प्राचीन बौद्ध नागार्जुन और अज्ञात को जान पाने के अपने सफ़र का वर्णन करेंगे| वो हमें ब्रह्माण्ड के अनजाने पहलुओं के बारे में बताएँगे| सत्र का सञ्चालन मैपिंग द हेवन्स: द रेडिकल साइंटिफिक आइडियाज दैट रिविल कॉसमॉस की लेखिका प्रियम्वदा नटराजन|
अपनी जीवंत और नवीन कला और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध सम्राट जहाँगीर के शासनकाल को भारतीय उपमहाद्वीप और पश्चिम के बीच सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंधों के लिए जाना जाता था। उनके कलात्मक और सांस्कृतिक संरक्षण की वजह से उनका दरबार संस्कृति का प्रतिनिधि बनकर उभरा| मुगल कला में यूरोपीय और ईसाई चित्रण को भी बखूबी आत्मसात किया गया था| कला इतिहासकार मेहरीन चिदा-रज़वी ने साउथ एशिया के मुगलों की कला और वास्तुशिल्प में विशेषज्ञता हासिल की है| आप ‘नसीर डी खलील कलेक्शन ऑफ़ इस्लामिक आर्ट’ की डिप्टी क्यूरेटर और उनकी पब्लिकेशन सीरिज की इन-हाउस एडिटर हैं, साथ ही इन्टरनेशनल जर्नल ऑफ़ इस्लामिक आर्किटेक्चर की असिस्टेंट एडिटर भी हैं| बी.एन. गोस्वामी भारत के प्रमुख कला इतिहासकार और पहाड़ी मास्टर्स, नैनसुख ऑफ़ गुलेर, द स्पिरिट ऑफ़ इंडियन पेंटिंग और द ग्रेट मैसूर भागवत के लेखक हैं| गोस्वामी के साथ संवाद में, चिदा-रज़वी जहाँगीर के कला संरक्षण पर चर्चा करेंगी|
जाने-माने लेखक केशव देसीराजू की किताब ऑफ़ गिफ्टेड वोइस: द लाइफ एंड आर्ट ऑफ़ एमएस सुब्बुलक्ष्मी, ने कार्नाटिक संगीत की एक नया आयाम दिया है| उनके निजी जीवन के बारे में कम जानकारी और उनके प्रदर्शन की बारीकी को देखते हुए, लेखक ने ‘एमएस के बारे में कुछ मान्यताओं को सही करने की कोशिश की है। लेखिका और पत्रकार मृणाल पांडे और सामंथ सुब्रमनियन के साथ संवाद करते हुए देसीराजू एमएस सुब्बुलक्ष्मी की उपलब्धियों को विस्तृत परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करेंगे|
फेस्टिवल के एक यादगार सत्र में मशहूर कालबेलिया डांसर गुलाबो सपेरा और जानी-मानी यात्रा लेखिका तृप्ति पांडे नृत्य और रचनात्मकता पर बात करेंगी और बतायेंगी कि इस पितृ सत्तात्मक समाज में जिन्दा रहने के लिए ये कितने जरूरी सबक हैं| पठन-पाठन और चर्चा के एक अन्य आकर्षक सत्र में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की को-डायरेक्टर नमिता गोखले और लेखिका मालाश्री लाल महान बांग्ला लेखक, कवि और नाटककार माइकल मधुसुदन दत्त के दुखद जीवन के विरोधाभासों पर केन्द्रित होगा| गोखले और लाल के सह-लेखन में लिखी किताब बिट्रेड बाय होप कवि के असाधारण जीवन के पन्ने खोलती है| फेस्टिवल के एक सत्र में प्रसिद्ध अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा और जानी-मानी लेखिका व स्तंभकार शोभा डे के बीच चोपड़ा की आत्मकथा अनफिनिशड पर भी चर्चा होगी|
पत्रकार और लेखक जॉर्ज पैकर की आवर मैन: रिचर्ड होलब्रुक एंड द एंड ऑफ़ द अमेरिकन सेंचुरी डेटन एकॉर्ड के जबरदस्त साहस की कहानी है, जिन्होंने बाल्कन युद्ध को समाप्त किया था| पैकर का व्यापक राजनयिक इतिहास होलब्रुक की डायरी और कागजात पर आधारित है और समान रूप से प्रशंसा और हिरासत में लिए गए व्यक्ति के जीवन की एक झलक देता है। पत्रकार और लेखक बशारत पीर के साथ बातचीत में पैकर एक असाधारण और गहरी खामियों वाले व्यक्ति के जीवन और कैरियर के पन्नों को खोलेंगे|
इस लिस्ट की शुरुआत 2020 बुकर प्राइज-विजेता लेखक डगलस स्टुअर्ट; जाने-माने अमेरिकी भाषाविद, दार्शनिक, संज्ञानात्मक वैज्ञानिक, इतिहासकार, सामाजिक आलोचक और राजनैतिक कार्यकर्त्ता नोआम चोमस्की; ऑक्सफ़ोर्ड प्रोफेसर और बेस्टसेलिंग द न्यू सिल्क रोड: द प्रेजेंट एंड फ्यूचर ऑफ़ द वर्ल्ड के लेखक पीटर फ्रांकोपन; प्रसिद्ध लेखक और राजनेता शशि थरूर; भारत के महान कलाकार अनीश कपूर; भारतीय स्कोलर और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर होमी के. भाभा; न्यू योर्कर के स्टाफ राइटर और आने वाली किताब एम्पायर ऑफ़ पेन: द सीक्रेट हिस्ट्री ऑफ़ सेक्लर डायनेस्टी के लेखक पैट्रिक रेडेन कीफे; इतिहासकार, लेखक और जीवनीकार रामचन्द्र गुहा; इकोनॉमिस्ट के भूतपूर्व संपादक और ब्लूम्सबर्ग न्यूज़ क्व एडिटर-इन-चीफ जॉन मिक्लेथवेट; पुरस्कृत पत्रकार और द गुड गर्ल्स: एन आर्डिनरी किलिंग की लेखिका सोनिया फलेरियो; न्यू योर्कर में लम्बे समय तक संगीत समीक्षक और द रेस्ट इज नॉइज़: लिसनिंग टू द ट्वेंटिएथ सेंचुरी के लेखक एलेक्स रोस, और अन्य|
इस साल के प्रोग्राम पर बात करते हुए लेखिका और फेस्टिवल को-डायरेक्टर नमिता गोखले ने कहा, “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2021 की प्रोग्रामिंग पर काम करना अपने आप में एक चुनौती थी| हम इस बदलते हुए समय को देख रहे हैं और वर्तमान व अतीत के चश्मे से भविष्य को समझने की कोशिश कर रहे हैं| इस नई डिजिटल पहुँच ने संभावनाओं के अनेकों दरवाज़े खोले हैं| इटेलियन एस्ट्रोफिजिसिस्ट और लेखक कार्लो रोवेली से नागार्जुन, सुन्यता और स्टारडस्ट पर चर्चा करेंगी प्रोफेसर प्रियंवदा नटराजन| बुकर प्राइज 2020 के विजेता डगलस स्टुअर्ट अपने पुरस्कृत पहले नॉवेल पर बात करेंगे|”
“इसके अलावा भी हमारे पास बहुत कुछ है – गुलाबो सपेरा के सांप नृत्य से लेकर विज्ञान तक, कला से लेकर भारतीय भोज के दर्शन तक – बांग्ला लेखक, कवि और नाटककार माइकल मधुसुदन दत्त का दुख भरा जीवन और अनुपम एम.एस. सुब्बलक्ष्मी| शेखर पाठक और रामचंद्र गुहा हमें चिपको आन्दोलन का इतिहास बताएँगे| हम एस. हरीश के पुरस्कृत उपन्यास का मलयालम से हुआ अनुवाद ‘मस्टेश’ भी प्रस्तुत करेंगे| ‘ब्राउन बेबी’ में ब्रिटिश लेखक निकेश शुक्ला शिफ्टिंग के आईडिया बताएँगे| हम महान एस.आर. फारुकी को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हैं, और उनकी मृत्यु के बाद प्रकाशित होने वाले उपन्यास ‘कब्ज़े ज़मां’ को पाठकों के सामने प्रस्तुत करेंगे| इन कुछ सौगातों के साथ ही कुछ और तोहफे भी आपका इंतजार कर रहे हैं!” उन्होंने कहा|
लेखक और फेस्टिवल के को-डायरेक्टर विलियम डेलरिम्पल ने कहा, “2021 का प्रोग्राम अब ऑनलाइन है| महामारी के बावजूद भी इतना उत्कृष्ट प्रोग्राम तैयार कर पाने पर मैं मुग्ध हूँ| ये हमारा अब तक का सबसे मजबूत प्रोग्राम है, और अभी भी हमारे झोले में अपने श्रोताओं के लिए कुछ तोहफे बाकी हैं|”
“पूरी लिस्ट इतनी शानदार है कि समझ ही नहीं आ रहा कहाँ से शुरू करूँ, लेकिन अगर अन्तर्राष्ट्रीय वक्ताओं की बात करूँ तो हमारे पास मार्क हैडन, कैमिला टाउनसेंड, नोआम चोमस्की, जोनाथन सेफरन फोएर, विन्सेंट ब्राउन, रोबर्ट मैकफर्लांस, हेर्मोइने ली, क्रेग ब्राउन, कॉलम मैककेन व अनीश कपूर| और ब्लूमबर्ग के जॉन मिकलेथवेट, जॉर्ज पैकर, पैट्रिक रेडेन केफे व न्यू योर्कर के एलेक्स रोस, हार्वर्ड सुपरस्टार माइकल सेंडल, माया जेसनौफ़, माइकल पुएट और होमी भाभा, बुकर प्राइज विजेता डगलस स्टुअर्ट और हिज डार्क मटेरियल वाले फिलिप पुलमैन,” उन्होंने आगे कहा|
उन्होंने बताया, “हमारी टीम हमेशा की तरह बेमिसाल है| इस साल मैं विशेष रूप से एनी ज़ैदी, रामचंद्र गुहा, चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी, शशि थरूर, सोनिया फलेरियो, नई इतिहासकार यशस्विनी चंद्रा, मेहर अफसान फारूकी, टीएम कृष्णा, सामंथ सुब्रमन्यम और महान रंजीत होस्कोटे को सुनने के लिए उत्साहित हूँ| वर्ष 2021 उम्मीदों से भरा है|”